Bihar Jamin Registry Rules 2025: बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियम लागू, जानिए पूरी प्रक्रिया और फायदे

Published On:
Bihar Jamin Registry Rules 2025

Bihar Jamin Registry Rules 2025: बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए वर्ष 2025 से नए नियम लागू किए हैं। जमीन के लेन-देन के दौरान होने वाले फर्जीवाड़े और विवादों को खत्म करने के उद्देश्य से इन नियमों को लागू किया गया है। नए नियमों के तहत रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाया गया है ताकि आम नागरिक बिना किसी परेशानी के अपने भूमि स्वामित्व का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में इन नए नियमों को लागू किया गया है ताकि जमीन के खरीददार और विक्रेताओं को बेहतर सुविधा मिल सके। इस लेख में हम आपको बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों, प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।

बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियम 2025

बिहार सरकार के नए भूमि रजिस्ट्री नियमों का मुख्य उद्देश्य फर्जीवाड़े और बेनामी संपत्ति के लेन-देन को रोकना है। इन नियमों के तहत रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल कर दिया गया है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। नए नियमों के तहत कई बदलाव किए गए हैं, जो जमीन रजिस्ट्री को अधिक सुरक्षित और आसान बनाते हैं।

  1. आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य:
    अब जमीन रजिस्ट्री के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों का आधार कार्ड लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े की संभावना कम होगी।
  2. मोबाइल नंबर लिंक करना जरूरी:
    रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान ओटीपी सत्यापन और अन्य अपडेट्स के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर का सक्रिय रहना आवश्यक है।
  3. डिजिटल सत्यापन:
    रजिस्ट्री प्रक्रिया में गवाहों का भी डिजिटल सत्यापन किया जाएगा ताकि रजिस्ट्री प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की त्रुटि या धोखाधड़ी न हो।
  4. ऑनलाइन डॉक्यूमेंट सबमिशन:
    जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज जैसे खतियान, नक्शा, जमाबंदी आदि अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही जमा किए जा सकेंगे।
  5. बेनामी संपत्ति की निगरानी:
    सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड आधार कार्ड से जोड़े जाने के कारण अब बेनामी संपत्ति की पहचान करना आसान हो गया है। इससे बेनामी संपत्ति पर सरकार की निगरानी और मजबूत होगी।

जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से मिलने वाली सुविधाएं

बिहार सरकार के नए नियम लागू होने के बाद जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण सुविधाएं मिली हैं:

  • फर्जीवाड़े पर रोक: डिजिटल सत्यापन के चलते किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा।
  • तेज और सरल प्रक्रिया: रजिस्ट्री प्रक्रिया अब कम समय में पूरी होगी क्योंकि अधिकतर कार्य ऑनलाइन होंगे।
  • पारदर्शिता: डिजिटल प्रक्रिया से जमीन से जुड़े सभी रिकॉर्ड पारदर्शी रहेंगे, जिससे विवादों में कमी आएगी।
  • ऑनलाइन रिकॉर्डिंग: सभी जमीन के रिकॉर्ड अब डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेंगे, जिन्हें आवश्यकता अनुसार आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।

आधार कार्ड को जमीन रिकॉर्ड से लिंक कैसे करें?

बिहार सरकार के नए नियमों के तहत जमीन के रिकॉर्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि आपने अभी तक अपनी जमीन के रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक नहीं करवाया है, तो आप नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं:

  1. पटवारी या हल्का कर्मचारी से संपर्क करें:
    अपने क्षेत्र के हल्का कर्मचारी या पटवारी के पास जाएं, जो इस प्रक्रिया में आपकी मदद करेंगे।
  2. आवश्यक दस्तावेज जमा करें:
  • जमीन के दस्तावेज (जैसे खतियान, पर्चा आदि)
  • आधार कार्ड की कॉपी
  • बैंक खाते की जानकारी (यदि आवश्यक हो)
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  1. ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें:
    अगर आप खुद यह प्रक्रिया करना चाहते हैं तो बिहार भूमि पोर्टल biharbhumi.bihar.gov.in पर जाकर ‘आधार लिंकिंग’ विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें।
  2. सत्यापन और पुष्टि:
    सभी जानकारी भरने के बाद सबमिट करें। कुछ दिनों के भीतर आपका आधार कार्ड जमीन के रिकॉर्ड से लिंक हो जाएगा।

बिहार जमीन रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज

जमीन रजिस्ट्री के समय आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

  • खरीदार और विक्रेता का आधार कार्ड
  • पैन कार्ड (यदि आवश्यक हो)
  • जमीन के कागजात (खतियान, पर्चा, नक्शा आदि)
  • विक्रय अनुबंध (Sale Agreement)
  • खरीदार और विक्रेता की पासपोर्ट साइज फोटो
  • बैंक खाता विवरण (यदि आवश्यक हो)
  • गवाहों के पहचान पत्र

बिहार जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया (ऑनलाइन और ऑफलाइन)

बिहार में जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया अब डिजिटल हो गई है, जिससे यह पहले की तुलना में आसान हो गई है।

  1. ऑनलाइन प्रक्रिया:
  • सबसे पहले बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • लॉगिन या रजिस्ट्रेशन करें।
  • रजिस्ट्री के लिए आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
  • फीस का भुगतान ऑनलाइन करें।
  • आवेदन सबमिट करें और पुष्टि के लिए स्लिप डाउनलोड करें।
  1. ऑफलाइन प्रक्रिया:
  • नजदीकी रजिस्ट्री कार्यालय में जाएं।
  • आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और भरें।
  • आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन जमा करें।
  • शुल्क का भुगतान करें और रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करें।

बेनामी संपत्ति पर सख्त निगरानी

बिहार सरकार के नए नियमों के तहत अब बेनामी संपत्ति की पहचान करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। क्योंकि जमीन का पूरा डेटा आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है, इससे सरकार को बेनामी संपत्तियों पर निगरानी रखने में मदद मिल रही है। इसके लिए विशेष डिजिटल सॉफ्टवेयर और पोर्टल बनाए गए हैं जो संपत्ति के रिकॉर्ड को ट्रैक करते हैं।

रजिस्ट्री में बदलाव के फायदे:

  • कानूनी सुरक्षा: जमीन के मालिकाना हक को कानूनी रूप से सुरक्षित बनाया गया है।
  • विवादों में कमी: डिजिटल रिकॉर्ड के चलते जमीन विवादों में कमी आई है।
  • सरल प्रक्रिया: सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण समय और मेहनत की बचत होती है।

निष्कर्ष

बिहार सरकार के नए भूमि रजिस्ट्री नियम 2025 के लागू होने से राज्य में जमीन संबंधी कार्य पहले से अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और तेज हो गए हैं। डिजिटल प्रक्रिया के जरिए अब जमीन के रजिस्ट्रेशन में होने वाली गड़बड़ियों और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाया जा रहा है।

यदि आप बिहार में जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरा करें और अपने दस्तावेजों को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखें।

Leave a Comment