8th Pay Commission: सीआरपीएफ के 12 अहम सुझाव, क्या वेतन में होगा बड़ा बदलाव?

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8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के बाद केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखनी शुरू कर दी हैं। इस क्रम में सीआरपीएफ के उत्तराखंड सेक्टर ने संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर 12 महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

इनमें पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, पैरामिलिट्री भत्ता, टैक्स फ्री जोखिम भत्ता, टैक्स फ्री राशन भत्ता और 2आईसी के पे स्केल लेवल को ’12’ से ’13’ में अपग्रेड करने जैसी प्रमुख सिफारिशें शामिल हैं।

गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट

सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग की रूपरेखा तय करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुझाव मांगे गए थे। गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय बलों—सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स—को इस संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। सीआरपीएफ ने अपनी रिपोर्ट समय पर तैयार कर गृह मंत्रालय को सौंप दी, जिसमें बल के जवानों और अधिकारियों की प्रमुख चिंताओं को उजागर किया गया है।

संदर्भ शर्तों की अहमियत

किसी भी वेतन आयोग के गठन के लिए संदर्भ शर्तें (टीओआर) उसकी कार्यप्रणाली की नींव होती हैं। ये शर्तें आयोग को यह तय करने में मदद करती हैं कि किन मुद्दों पर विचार करना है और किन कारकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एक स्पष्ट रूपरेखा आयोग को विभिन्न क्षेत्रों से डेटा संकलन और गहन अध्ययन करने में मदद करती है।

वेतन आयोग की प्रक्रिया होगी तेज?

16 जनवरी को केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी थी, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जानी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार प्रक्रिया तेज हो सकती है, क्योंकि अधिकांश जानकारी डिजिटल माध्यम से आसानी से उपलब्ध हो जाती है। पहले आयोग के सदस्य विभिन्न देशों की यात्रा कर वेतन संरचना की तुलना करते थे, जिससे समय अधिक लगता था। लेकिन डिजिटल युग में इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सकता है।

CRPF के 12 बड़े सुझाव

सीआरपीएफ की ओर से सरकार को प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:

  • फिटमेंट फैक्टर को न्यूनतम 2.86 किया जाए।
  • केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए विशेष पैरामिलिट्री भत्ता लागू किया जाए।
  • पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल किया जाए।
  • ‘वन रैंक वन पेंशन’ (OROP) का लाभ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी दिया जाए।
  • महंगाई को ध्यान में रखते हुए शिशु शिक्षण भत्ता स्नातक स्तर तक बढ़ाया जाए और इसे कर-मुक्त किया जाए।
  • राशन और जोखिम भत्ते को आयकर की परिधि से बाहर किया जाए।
  • केंद्रीय कर्मियों को रोड टैक्स और वाहन टैक्स जैसे करों से छूट दी जाए।
  • सीआरपीएफ ग्रुप सेंटरों में संबद्ध बटालियनों के कर्मियों को स्थानांतरण भत्ता दिया जाए।
  • द्वितीय कमान अधिकारी (2IC) का पे स्केल लेवल 12 से 13 में अपग्रेड किया जाए।
  • अधिकारी का आवास भत्ता अन्य रैंकों के पीवीआर के बराबर किया जाए।
  • माता-पिता की देखभाल के लिए विशेष अवकाश (CCL जैसी सुविधा) दी जाए।

OPS पर अब भी जारी असमंजस

पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में लंबे समय से मांग उठ रही है, लेकिन अब तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। संसद में यह मुद्दा कई बार उठ चुका है, और मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

आगे क्या?

गृह मंत्रालय को सौंपे गए सुझावों की समीक्षा के बाद वित्त मंत्रालय अंतिम निर्णय लेगा। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मांगों को किस हद तक स्वीकार करती है।

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